नईदिल्ली। चाचा-भतीजे की राजनीतिक लड़ाई का फैसला हो गया है। NCP शरद पवार की रहेगी या अजित पवार होगी, चुनाव आयोग ने इसे लेकर मंगलवार को अपना फैसला सुना दिया है। आयोग का कहना है कि अजित पवार गुट वाली NCP ही असली NCP है। करीब 6 महीने से अधिक समय तक चली दस से अधिक सुनवाई के बाद, चुनाव आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी विवाद का निपटारा कर अजीत पवार के पक्ष में फैसला सुनाया।
शरद पवार को दोपहर 3 बजे तक का समय
खास बात यह है कि चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अजीत पवार को मिला है। वहीं आयोग ने शरद पवार को 7 फरवरी 2024 याने कल दोपहर 3 बजे तक अपने नए राजनीतिक गठन के लिए एक नाम का दावा करने और आयोग को 3 प्राथमिकताएं देने का एक बार का विकल्प प्रदान किया है।
अजित पवार ने किया था बगावत
बता दें कि बीते वर्ष पार्टी में बगावत करते हुए अजित पवार अपने कई समर्थक विधयकों के साथ एनडीए में शामिल हो गए थे। वही शिंदे और भाजपा गुट में उप मुख्यमंत्री का पद भी संभाला था।
विपक्ष की आई प्रतिक्रिया
इस समूचे घटनाक्रम को लेकर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है, वही एनसीपी चुनाव चिह्न और नाम के मामले में चुनाव आयोग के फैसले पर सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहाकि मैं बिल्कुल भी आश्चर्यचकित नहीं हूं। एक व्यक्ति जिस पर 70,000 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था, आज वह बीजेपी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।