नईदिल्ली। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के और नेता गौरव वल्लभ ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सौरभ ने कहा कि वे जन्म से हिन्दू पेशे से शिक्षक हूं। मैं सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकता।
गौरव वल्लभ ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर कांग्रेस को दिए इस्तीफे को शेयर करते हुए लिखा कि कांग्रेस पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उसमें मैं ख़ुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा। मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता। इस कारण मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे रहा हूं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे पत्र में गौरव वल्लभ ने लिखा, ‘नमस्कार! भावुक हूं। मन व्यथित है। काफी कुछ कहना चाहता हूं। लिखना चाहता हूं। बताना चाहता हूं, लेकिन मेरे संस्कार ऐसा कुछ भी कहने से मना करते हैं, जिससे दूसरों को कष्ट पहुंचे। फिर भी मैं आज अपनी बातों को आपके समक्ष रख रहा हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि सच को छिपाना भी अपराध है और मैं अपराध का भागी नहीं बनना चाहता।
गौरव ने राम मंदिर पर भी लिखा
गौरव वल्लभ ने अपने पोस्ट में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर भी लिखा कि ‘अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस पार्टी के स्टैंड से मैं क्षुब्ध हूं। मैं जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हूं। पार्टी के इस स्टैंड ने मुझे हमेशा असहज किया, परेशान किया। कांग्रेस पार्टी व गठबंधन से जुड़े कई लोग सनातन के विरोध में बोलते हैं और पार्टी का उस पर चुप रहना, उसे मौन स्वीकृति देने जैसा है।
नवीन जिंदल भी कमलरथ में सवार
इससे पूर्व सांसद व उद्योगपति नवीन जिंदल ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता इस्तीफा दे दिया था तथा भाजपा का दामन थाम लिया है। नवीन जिंदल ने भाजपा मुख्यालय में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली है। उन्होंने लिखा सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि मैंने 10 वर्ष कांग्रेस पार्टी के कुरुक्षेत्र के सांसद के रूप में संसद में प्रतिनिधित्व किया है| मैं कांग्रेस नेतृत्व और तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का धन्यवाद करता हूँ। आज मैं कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।
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