मौत की सजा पाए 8 भारतीयों रिहा कर दिया गया है, उनकी सजा को कमकर जेल में बदली गई थी। इन आठों पूर्व नौसैनिकों को 2022 में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
कतर। कतर में मौत की सजा पाए 8 भारतीयों रिहा कर दिया गया है। यह भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। भारत सरकार ने सभी 8 भारतीय नौसेना के पूर्व जवानों की रिहाई पर खुशी जताई है। पहले इन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन भारत के हस्तक्षेप व प्रयासों से उनकी सजा को कमकर जेल में बदली गई थी। विदेश मंत्रालय ने बताया कि आठ में से सात भारतीय वापस भारत लौट आए हैं।
भारत ने की थी अपील
इन आठों पूर्व नौसैनिकों को 2022 में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन पर पनडुब्बी कार्यक्रम की जासूसी करने का आरोप लगा था। हालंकि इसे सार्वजनिक नहीं किया गया था। करीब एक साल से अधिक जेल में कैद के बाद कतर की एक निचली अदालत ने अक्तूबर में मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने फैसले के खिलाफ अपील की।
मौत की सजा फिर रिहा
फिलहाल उन आठों को फांसी की सजा से जेल सजा में तब्दील कर दिया गया है, वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि कतर के कोर्ट का फैसला पूरा नहीं आया है। पूरा फैसला आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कूटनीतिक बड़ी जीत
इस कूटनीतिक जीत की कहानी उस वक्त लिख दी गई थी जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी के बीच दुबई में एक सम्मेलन में हुई थी। इस मुलाकात के चार सप्ताह बाद ही फैसला आ गया। माना यह जा रहा है इस मुलाकात के दौरान पीएम मोदी इस उन 8 भारतीय नौसैनिकों को मुद्दा उठाया गया होगा।
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